सेन्टर पर समर्पित भाईयों की स्व -परिवर्तन योग तपस्या भट्टी

सेन्टर पर समर्पित भाईयों की स्व - परिवर्तन योग तपस्या भट्टी 8th to 12th August 2016

  • अमृतवेले का महत्त्व - 08/08/2016(बी.के. नलिनी दीदी)

  • भट्टी का लक्ष्य - 08/08/2016(बी.के. रानी दीदी)

  • स्वागत सत्र - 08/08/2016

  • श्रेष्ट वृत्ति द्वारा शक्तिशाली वायुमंडल वायुमंडल - 09/08/2016(बी. के. अमीरचंद भाई जी)

  • सूक्ष्म शरीर और सूक्ष्म वतन का रहस्य - 09/08/2016(डॉ. सतीश गुप्ता)

  • प्युरिटी की पर्सनालिटी व रायल्टी - 09/08/2016(बी.के. नलिनी दीदी)

  • पाप और पुण्य की परिभाषा वा समर्पित जीवन में कर्मों की गुह्य गति - 09/08/2016(बी. के. रानी दीदी)

  • एकानामी, एकानामी, एकाग्रता, एकांतवासी - 10/08/2016(बी. के. अमीरचंद भाई जी)

  • भाव, स्वभाव व टकराव से बचना व भिन्नता में एकता - 10/08/2016(बी. के. गीता बहन)

  • सेवाओं का विस्तार व स्व स्थिति - 10/08/2016(बी. के. निर्वैर भाई जी)

  • स्व रक्षक, मर्यादा रक्षक, यज्ञ रक्षक - 10/08/2016(बी. के. राजू भाई )

  • बेहद की वैराग्य वृत्ति - 11/08/2016(बी. के. अमीरचंद भाई जी)

  • खुशनुमा चेहरा व चलन एवं स्वाभाव - 11/08/2016(बी.के. सूरज भाई जी)

  • तपस्या और एकाग्रता - 11/08/2016(बी.के. उषा दीदी)

  • स्व - स्थिति से परिस्थिति पर विजय - 12/08/2016(बी. के. आत्मा प्रकाश भाई जी)

  • संगमायुगी योगी जीवन अतीन्द्रिय आनंद -12/08/2016 (बी. के.गीता बहन)

  • सर्व शक्तियों का व्यावहारिक प्रयोग - 12/08/2016(बी. के.नेहा बहन)